Govardhan Puja 2025: गोवर्धन पूजा आज या कल ? जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

खबर सार :-
Govardhan Puja 2025: गोवर्धन पूजा हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता है। आमतौर पर यह त्योहार दिवाली के अगले दिन मनाया जाता है, लेकिन इस बार गोवर्धन पूजा को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति है। तो आइए जानें कि गोवर्धन पूजा कब मनाई जाएगी।

Govardhan Puja 2025: गोवर्धन पूजा आज या कल ? जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
खबर विस्तार : -

Govardhan Puja 2025 Date And Time: पांच दिवसीय दीवाली के त्योहार पर गोवर्धन पूजा का विशेष महत्व है। गोवर्धन पूजा का  दिवाली के अगले दिन मनाया जाता है। इस दिन गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है। इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है। भगवान को 56 भोग लगाए जाते हैं। गोवर्धन पूजा के दिन गायों की भी पूजा की जाती है। गोवर्धन पूजा का पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है। 

आमतौर पर यह पर्व दिवाली के अगले दिन पड़ता है, लेकिन कभी-कभी दिवाली और गोवर्धन पूजा के बीच एक दिन का अंतर भी हो जाता है। गोवर्धन पूजा को अन्नकूट पूजा के नाम से भी जाना जाता है। गोवर्धन पूजा का पर्व भगवान कृष्ण द्वारा इंद्र को हराने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। जानें इस वर्ष गोवर्धन पूजा कब है।

Govardhan Puja 2025 Date And Time: गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त

इस वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 21 अक्टूबर यानी आज शाम 5:57 बजे से प्रारंभ हो रही है। यह प्रतिपदा तिथि 22 अक्टूबर को रात 08:18 बजे समाप्त हो रही है। अतः उदयातिथि की मान्यता के अनुसार इस वर्ष गोवर्धन पूजा का पर्व कल यानी बुधवार को मनाया जाएगा।

  • गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6:30 बजे से 8:47 बजे तक है।
  • गोवर्धन पूजा का दूसरा शुभ मुहूर्त दोपहर 3:36 बजे से शाम 5:52 बजे तक है।

Govardhan Puja Vidhi: गोवर्धन पूजा विधि

गोवर्धन पूजा सुबह या शाम किसी भी समय की जा सकती है। इस दिन, गाय के गोबर से गोवर्धन महाराज की आकृति बनाकर उसे फूलों से सजाया जाता है। गोवर्धन की नाभि पर एक मिट्टी का दीपक रखा जाता है और उसमें दही, शहद, मिश्री, दूध और गंगाजल डाला जाता है। गोवर्धन पूजा के दौरान, लोटे से जल डालते हुए और जौ बोते हुए सात परिक्रमाएँ की जाती हैं। इस दिन गाय, बैल और अन्य कृषि पशुओं की पूजा का भी विशेष महत्व माना जाता है।

Govardhan Puja Samagri:  गोवर्धन पूजा की सामग्री

रोली, चावल, मिठाई, नैवेद्य, मिठाई, खीर, सरसों के तेल का दीपक, फूल, दही, शहद, अगरबत्ती, कलश, केसर, फूलों की माला, भगवान कृष्ण की मूर्ति या चित्र, गाय का गोबर, गोवर्धन पर्वत की तस्वीर, गंगा जल, पान का पत्ता और गोवर्धन पूजा की कथा की एक पुस्तक।

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