गोपाष्टमी पर गोमाता की सेवा से मिलती है भगवान श्रीकृष्ण की कृपा

खबर सार :-
गोपाष्टमी पर गायों की पूजा और श्री कृष्ण की आराधना से न केवल आध्यात्मिक उन्नति होती है, बल्कि समाज में गोमाता के प्रति श्रद्धा और सम्मान की भावना भी उत्पन्न होती है। यह दिन विशेष रूप से श्री कृष्ण के गोचर चरण की शुरुआत से जुड़ा हुआ है, जो उनके जीवन के एक महत्वपूर्ण अध्याय को दर्शाता है।

गोपाष्टमी पर गोमाता की सेवा से मिलती है भगवान श्रीकृष्ण की कृपा
खबर विस्तार : -

Gopashtami 2025: कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाने वाला गोपाष्टमी पर्व इस वर्ष खास है, क्योंकि इस दिन गोमाता की पूजा के साथ भगवान श्री कृष्ण की कृपा प्राप्त करने का महत्व बताया जाता है। विशेष रूप से, इस बार गोपाष्टमी के साथ आडल योग का संयोग बन रहा है, जो ज्योतिषीय दृष्टिकोण से विशेष रूप से चर्चित है। द्रिक पंचांग के अनुसार, बुधवार के दिन सूर्य तुला राशि में और चंद्रमा मकर राशि में रहेंगे। यह काल अभिजीत मुहूर्त नहीं है। राहुकाल का समय दोपहर 12 बजकर 5 मिनट से 1 बजकर 28 मिनट तक रहेगा। ऐसे में शुभ मुहुर्त में ही पूजा करना फलदायी रहेगा। 

पुराणों में गोपाष्टमी के महत्व का वर्णन

गोपाष्टमी का महत्व पद्म पुराण और भागवत पुराण में विस्तार से बताया गया है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने पहली बार गायों को चराने का कार्य संभाला था। इस दिन को लेकर खासतौर पर मथुरा, वृंदावन और ब्रज क्षेत्र में विशेष धूमधाम होती है। वहां, गोवर्धन पूजा और गायों की पूजा करने की परंपरा भी रही है। गोपाष्टमी के दिन गायों और बछड़ों को स्नान कराकर उन्हें सजाया जाता है। इसके अलावा, गोशालाओं में गायों के लिए विशेष दान, गुड़ और चारा अर्पित किया जाता है।

पूजा विधि और महत्व

गोपाष्टमी पर गायों की पूजा करना अत्यधिक पुण्यकारी माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से भगवान श्री कृष्ण की पूजा विधिपूर्वक की जाती है। प्रात: स्नान कर शुद्ध वस्त्र पहनने के बाद, पूजा स्थल को साफ करके गाय के गोबर, फूलों, दीपक और रंगोली से सजाया जाता है। भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमा स्थापित कर उन्हें स्नान कराएं और गायों के सींगों पर हल्दी, कुमकुम और फूलों की माला चढ़ाएं। इसके बाद, गायों को गुड़, हरा चारा, गेहूं और फल अर्पित करें। पूजा के बाद उनका भव्य आरती और परिक्रमा करें। इस दौरान "गोमाता की जय" और "गोपाल गोविंद जय जय" जैसे मंत्रों का जाप भी किया जा सकता है। आडल योग के कारण इस दिन कोई शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है। हालांकि, गोपाष्टमी पर गायों की पूजा से भगवान श्री कृष्ण की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

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