Ganesh Chaturthi: विनायक चतुर्थी पर पर्यावरण संरक्षण के लिए रिकॉर्ड: 7,400 छात्रों ने बनाई मिट्टी की मूर्तियां

खबर सार :-
विजयवाड़ा में 7,400 से अधिक छात्रों द्वारा मिट्टी की गणेश मूर्तियां बनाने का रिकॉर्ड पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक शानदार पहल है। इससे पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी को बढ़ावा मिलने के साथ ही त्योहारों में पारंपरिक और पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों को अपनाने का संदेश भी दिया गया है। यह कदम समाज को जागरूक करने और भविष्य के लिए एक स्वस्थ पर्यावरण छोड़ने की दिशा में एक अहम प्रयास है।

Ganesh Chaturthi: विनायक चतुर्थी पर पर्यावरण संरक्षण के लिए रिकॉर्ड: 7,400 छात्रों ने बनाई मिट्टी की मूर्तियां
खबर विस्तार : -

विजयवाड़ा, आंध्र प्रदेश: विनायक चतुर्थी की पूर्व संध्या पर विजयवाड़ा में एक नई मिसाल पेश की गई। पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से 7,400 से अधिक छात्रों और युवाओं ने एक साथ मिट्टी की गणेश मूर्तियां बनाकर नया विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया। यह आयोजन स्वास्थ्य मंत्री सत्य कुमार यादव की अध्यक्षता में हुआ, जिन्होंने इस रिकॉर्ड को लेकर पत्रकारों से बात की और इसकी अहमियत को बताया।

पर्यावरण के प्रति समाज में जागरूकता

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस पहल का मुख्य उद्देश्य जनभागीदारी बढ़ाना और पर्यावरण के प्रति समाज में जागरूकता फैलाना था। कार्यक्रम के दौरान, छात्रों और युवाओं ने पूरी श्रद्धा के साथ मिट्टी से गणेश की मूर्तियां बनाई, जो न केवल वातावरण को नुकसान नहीं पहुँचाती, बल्कि जलाशयों और नदियों के प्रदूषण को भी कम करती हैं। इस तरह के आयोजनों से त्योहारों के दौरान प्लास्टिक और अन्य प्रदूषक सामग्री का उपयोग घटता है, जो पर्यावरण के लिए बेहतर है।

बच्चों और युवाओं में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ी

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस आयोजन के माध्यम से, विशेष रूप से बच्चों और युवाओं में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जिम्मेदारी और जागरूकता बढ़ी है। यह कार्यक्रम वायु प्रदूषण, अस्वास्थ्यकर खानपान और मिलावटी खाद्य पदार्थों के कारण बढ़ते स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर समाज में एक सकारात्मक संदेश देने में भी सफल रहा। स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि मिट्टी की मूर्तियां पर्यावरण के लिए बेहतर विकल्प हैं, क्योंकि इन्हें पानी में विसर्जित करने से प्रदूषण नहीं होता।

उन्होंने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में छोटे-छोटे कदम उठाने की अपील की, जैसे कि प्लास्टिक के बजाय मिट्टी का उपयोग और पर्यावरण के अनुकूल व्यवहार। इस आयोजन में 7,400 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनका समर्पण और उत्साह प्रेरणादायक था। यह सामाजिक जागरूकता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ, जो आने वाली पीढ़ियों को एक साफ और स्वस्थ पर्यावरण देने की ओर प्रेरित करेगा।

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