Diwali 2025 : अंबा बाई... दुनिया का इकलौता मंदिर जहां दीपावली पर जलता है खास दीपक, हर मुराद होती है पूरी

खबर सार :-
diwali 2025: दीपावली का त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ऐसा मंदिर भी है जो सिर्फ़ दिवाली के दिन ही एक खास दिया जलता है? आइए आपको इससे जुड़े कुछ रोचक तथ्य बताते हैं।

Diwali 2025 : अंबा बाई... दुनिया का इकलौता मंदिर जहां दीपावली पर जलता है खास दीपक, हर मुराद होती है पूरी
खबर विस्तार : -

Diwali 2025 : प्रकाश का पर्व दीपावली, इस साल 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा। यह पांच दिवसीय उत्सव धनतेरस से शुरू होता है। इस दिन विशेष रूप से देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। दीपावली पर देवी लक्ष्मी के मंदिरों में आमतौर पर भीड़ होती है। लेकिन यहां हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताएंगे जहां दीपावली पर एक खास दीपक जलता और यहां हर मुराद पूरी होती है।

Diwali 2025 : मंदिर में हर मनोकामनाएं होती है पूरी

दरअसल हम बात कर  रहे है महाराष्ट्र के कोल्हापुर में  स्थित मां अंबाबाई मंदिर (Ambabai Temple) की जो देवी लक्ष्मी को समर्पित एक मंदिर है। जो आर्थिक समस्याओं से मुक्ति दिलाने के लिए जाना जाता है? यह मंदिर बहुत प्राचीन है, इसलिए यह इतना पूजनीय है। दिवाली के शुभ अवसर पर देवी अंबाबाई को विशेष रूप से सुंदर स्वर्ण आभूषणों से सजाया जाता है, जिससे मंदिर दर्शनीय बन जाता है। इस मंदिर में भक्त दूर-दूर से उनके दर्शन करने आते हैं और कर्ज और आर्थिक तंगी से मुक्ति पाते हैं। भक्तों का मानना है कि मां अंबाबाई इस मंदिर (Ambabai Temple) में मांगी गई हर मनोकामना पूरी करती हैं और उनकी झोली धन-धान्य से भर देती हैं। इसके अलावा, दिवाली की रात मंदिर के शिखर पर एक दीपक जलाया जाता है, जो अगली अमावस्या तक निरंतर जलता रहता है। 

मां अबांबाई मंदिर का इतिहास

मां अंबाबाई मंदिर का एक लंबा इतिहास है। ऐसा कहा जाता है कि इसका निर्माण 1700-1800 वर्ष पूर्व हुआ था। मंदिर की वास्तुकला भी अद्वितीय है। मंदिर की दीवारों पर की गई अनूठी नक्काशी अद्भुत है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण चालुक्य वंश के राजा कर्णदेव ने करवाया था और आक्रमणकारियों के कारण इसका कई बार पुनर्निर्माण किया गया। इस मंदिर की एक विशेषता यह है कि वर्ष में केवल तीन दिन ही देवी मां पर सूर्य की सीधी किरणें पड़ती हैं। ऐसा माना जाता है कि पहले दिन सूर्य की किरणें देवी मां के माथे पर, फिर अगले दिन उनकी कमर पर और फिर उनके पैरों पर पड़ती हैं। इन अवसरों पर मंदिर की सभी बत्तियाँ बंद कर दी जाती हैं।

Diwali 2025 : भगवान विष्णु से जुड़ा मंदिर 

पौराणिक कथाओं के अनुसार, कोल्हापुर स्थित मां अंबाबाई मंदिर तिरुपति स्थित भगवान विष्णु मंदिर से जुड़ा हुआ है। ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु से रुष्ट होकर मां अम्बा ने कोल्हापुर में अपना निवास स्थापित किया था। इसलिए, हर वर्ष तिरुपति से देवी मां को शॉल अर्पित की जाती है। इस मंदिर के द्वार रात 9 बजे बंद कर दिए जाते हैं। मां अबन बाई मंदिर के स्तंभ भी इस मंदिर को खास बनाते हैं। कहा जाता है कि मंदिर के चारों कोनों पर विशेष स्तंभ हैं, जिन्हें आज तक कोई नहीं गिन पाया है। ऐसा माना जाता है कि जब भी कोई इन्हें गिनने की कोशिश करता है, तो उसके साथ कुछ बुरा होता है।

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