Darsh Amavasya 2025 : पितृ तर्पण से दूर होते हैं कष्ट, घर में बनी रहती है सुख-शांति

खबर सार :-
Darsh Amavasya 2025 : दर्श अमावस्या 2024 पर पितृ तर्पण, दान और पूजा के महत्व को जानें। जानिए कैसे इन उपायों से पितृ दोष शांत होता है और घर में सुख-समृद्धि आती है।

Darsh Amavasya 2025 : पितृ तर्पण से दूर होते हैं कष्ट, घर में बनी रहती है सुख-शांति
खबर विस्तार : -

नई दिल्ली: पौष मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली दर्श अमावस्या का धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से विशेष महत्व है। इस बार यह पावन तिथि 19 दिसम्बर, शुक्रवार को पड़ रही है। ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, इस दिन सूर्य धनु राशि में स्थित रहेंगे, जबकि चंद्रमा रात 10 बजकर 51 मिनट तक वृश्चिक राशि में रहकर उसके बाद धनु राशि में प्रवेश करेंगे।

Darsh Amavasya 2025 : अमावस्या के दिन तर्पण से प्रसन्न होती है पूर्वजों की आत्मा 

धार्मिक पंचांग के मुताबिक, दिन का अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 58 मिनट से दोपहर 12 बजकर 39 मिनट तक रहेगा। वहीं, राहुकाल का समय सुबह 11 बजकर 1 मिनट से दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक माना गया है। इस दौरान शुभ कार्यों से बचना चाहिए। जबकि अभिजीत मुहूर्त में किए गए कार्य सफल माने जाते हैं। हर महीने आने वाली अमावस्या को दर्श अमावस्या कहा जाता है। ‘दर्श’ का अर्थ दर्शन या देखना होता है और अमावस्या वह तिथि है, जब चंद्रमा दिखाई नहीं देता। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या के दिन पितृ लोक से पूर्वज धरती पर आते हैं और अपने वंशजों द्वारा किए गए तर्पण व दान से प्रसन्न होते हैं।

Darsh Amavasya 2025 : पितृ दोष का प्रभाव कम होता है

पौराणिक ग्रंथों में उल्लेख मिलता है कि दर्श अमावस्या पर पितरों के निमित्त तर्पण और पिंडदान करने से उन्हें शांति प्राप्त होती है। साथ ही परिवार पर लगे पितृ दोष का प्रभाव धीरे-धीरे कम होने लगता है। इस दिन श्रद्धा भाव से किया गया दान पुण्य फलदायी माना जाता है। धार्मिक विधि के अनुसार, अमावस्या की सुबह पवित्र नदी में स्नान करना उत्तम होता है। यदि नदी में स्नान संभव न हो, तो घर पर ही स्नान के जल में गंगाजल मिलाकर स्नान किया जा सकता है। स्नान के समय पितरों का स्मरण करने से विशेष फल मिलता है। इसके बाद साबुत उड़द, कंबल अथवा वस्त्र का दान करना शुभ माना गया है। मान्यता है कि इससे पितृ प्रसन्न रहते हैं और राहु-केतु के अशुभ प्रभाव में भी कमी आती है।

Darsh Amavasya 2025 : पितृ दोष की शांति के लिए करें ये काम

दर्श अमावस्या पर पक्षियों को दाना डालना भी एक महत्वपूर्ण उपाय बताया गया है। धार्मिक विश्वास है कि पितृ पक्षी के रूप में आकर यह दाना ग्रहण करते हैं। ऐसा करने से पितरों को संतोष मिलता है और उनके आशीर्वाद से परिवार में सुख-समृद्धि, करियर में उन्नति और वंश वृद्धि होती है। इसके अतिरिक्त, इस दिन शिवलिंग पर जल अर्पित करना और पीपल के वृक्ष पर कच्चा दूध व काले तिल चढ़ाना भी लाभकारी माना गया है। इन उपायों से पितृ दोष की शांति होती है और जीवन में सौभाग्य का वास होता है।

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