गुप्तारघाट पर ओपन एयर थियेटर लगाएगा चार चांद

खबर सार :-
इण्टरप्रीटेशन वाल, जटायू स्ट्रक्चर, रावण वध स्ट्रक्चर, राम दरबार स्ट्रक्चर, सीता कुटिया स्ट्रक्चर, राम सेतु, बाउंड्रीवाल एवं ऑपन एयर थियेटर का कार्य चल रहा है। फ्लोर स्लैब का कार्य लगभग पूरा है। हार्टिकल्चर कार्य के लिए बाहर से वूड अर्थ कार्यस्थल स्थल पर उपलब्ध करा दी गयी है, जिसकी लेबलिंग का कार्य प्रगति पर है।

गुप्तारघाट पर ओपन एयर थियेटर लगाएगा चार चांद
खबर विस्तार : -

लखनऊ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रामनगरी अयोध्या को सांस्कृतिक और आध्यात्मिक वैभव का केंद्र बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। अयोध्या के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को और अधिक संवारने के लिए गुप्तारघाट के सौंदर्यीकरण को और भी बढ़ावा दिया जा रहा है। यह परियोजना निश्चित पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने का काम करेगी। यहां राम दरबार का स्ट्रक्चर और ओपन एयर थियेटर पर्यटकों को खूब भाएगा। अयोध्या से लेकर लखनऊ तक हाईवे पर पर्यटकों की संख्या भी बढ़ी है। गुप्तारघाट भगवान श्रीराम के जल समाधि लेने की पौराणिक कथा से जुड़ा माना जाता है।

अयोध्या के प्रमुख घाटों में यह भी प्रमुख है। योगी सरकार ने इस घाट को एक आकर्षक पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने के लिए तीसरे चरण के सौंदर्यीकरण कार्य को तेज करने के लिए कहा है। इस परियोजना पर लगभग 16.57 करोड़ रुपये की लागत से कार्य चल रहा है। इसमें से 78 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है।

इस परियोजना को पूर्ण करने का लक्ष्य अगस्त 2025 तक है। इससे गुप्तारघाट का आकर्षण और भी बढ़ जाएगा। इस प्रोजेक्ट के तहत राम दरबार स्ट्रक्चर और ओपन एयर थियेटर जैसे खास कार्य प्रगति पर हैं। वह न केवल सौंदर्य को बढ़ाएंगे, बल्कि सांस्कृतिक गतिविधियों को भी प्रोत्साहित करेंगे। पार्किंग एवं पाथवे का काम लगभग पूरा किया जा चुका है। यहां टिकट घर एवं गार्ड रूम, किचन एवं टायलेट के फिनिशिंग का कार्य भी तेज है।

राम मंदिर के निर्माण के बाद अयोध्या में श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि हुई है। गुप्तारघाट का सौंदर्यीकरण बढ़ती भीड़ को ज्यादा सुविधाएं प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। अभी तक वहां काफी व्यवस्थाएं हुई हैं। डीएम निखिल टीकाराम फुंडे ने बताया कि सरकार ने अयोध्या को एक स्मार्ट और सांस्कृतिक नगरी के रूप में विकसित करने के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाएं शुरू की गई हैं। गुप्तारघाट के प्रोजेक्ट को तैयार करने की जिम्मेदारी यूपीपीसीएल के पास है। पूरा प्रयास है कि लक्ष्य रहते ही प्रोजेक्ट पूरा कर लिया जाए।

 

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