Chaitra Navratri 2025 : 8 दिनों की होगी चैत्र नवरात्रि, कलश स्थापना के लिए 2 मुहूर्त

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Chaitra Navratri 2025 : चैत्र नवरात्रि 2025:  हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार है। इस अवसर पर देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इस बार चैत्र नवरात्रि 2025 की शुरुआत 30 मार्च रविवार से

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Chaitra Navratri 2025 : चैत्र नवरात्रि 2025:  हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार है। इस अवसर पर देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इस बार चैत्र नवरात्रि 2025 की शुरुआत 30 मार्च रविवार से होगी और 6 अप्रैल को इसका आखिरी दिन रहेगा। यानी इस बार एक तिथि घटने से 8 दिन का त्योहार रहेगा। चैत्र नवरात्रि के साथ ही हिंदू नववर्ष की भी शुरुआत हो जाती है। इसलिए यह साल की पहली नवरात्रि है।

Chaitra Navratri 2025 : आठ दिन की होगी नवरात्रि

चैत्र नवरात्रि देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा का पर्व है, जो हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होता है। हालांकि इस बार नवरात्रि 9 दिन की जगह 8 दिन की होगी, क्योंकि तिथियों में बदलाव के कारण अष्टमी और नवमी एक ही दिन पड़ रही है। पंचमी तिथि का क्षय होने से नवरात्रि 8 दिन की होगी। चतुर्थी और पंचमी की पूजा 2 अप्रैल बुधवार को की जाएगी।

Chaitra Navratri 2025 : कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, इस वर्ष चैत्र माह शुक्ल पक्ष की शुरुआत 29 मार्च 2025, शनिवार को संध्या 04:33 बजे से होगा और इस तिथि का समापन 30 मार्च 2025 रविवार को दोपहर 02:14 बजे होगा। कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 06:13 बजे से शुरू होकर सुबह 10:21 बजे तक रहेगा। घट स्थापना का अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजे से 12:50 बजे तक रहेगा। घट स्थापना की कुल अवधि 50 मिनट की होगी।

इन राशियों पर रहेगा साढ़ेसाती का प्रभाव

ज्योतिषाचार्य पंडित सुरेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना के साथ ही देवी-देवताओं को घर में आमंत्रित किया जाता है। ज्योतिषाचार्य पंडित सुरेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि इस साल नवरात्रि से पहले की रात 29 मार्च को रात 9:44 बजे शनि मीन राशि में प्रवेश करेंगे। इसके चलते मीन, मेष और कुंभ राशि पर साढ़ेसाती का प्रभाव रहेगा।

नवरात्रि के दिन मीन राशि में सूर्य, बुध, शुक्र, शनि, राहु और चंद्रमा रहेंगे। यह संयोग 21वीं सदी में पहली बार बन रहा है। ज्योतिषीय दृष्टि से यह संयोग राजनीतिक, आर्थिक और पर्यावरणीय बदलावों का संकेत माना जा रहा है। यह संयोग नकारात्मक प्रभाव भी देगा।

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