Vishwakarma Puja Vidhi 2025 : विश्वकर्मा पूजा आज, बुधवार, 17 सितंबर को है। इस वर्ष विश्वकर्मा पूजा के लिए छह शुभ संयोग बन रहे हैं। इंदिरा एकादशी, कन्या संक्रांति, बुधवार व्रत, परिघ योग, पुनर्वसु और पुष्य नक्षत्र का संयोग। आज देवताओं के शिल्पी विश्वकर्मा की पूजा करने से कार्य में सफलता मिलेगी, आपके औजारों, उपकरणों और मशीनरी की रक्षा होगी और आर्थिक समृद्धि आएगी। विश्वकर्मा पूजा के दौरान औजारों, मशीनों, कलमों, स्याहीदानों, बहीखातों, वाहनों आदि की पूजा की जाती है। आइए विश्वकर्मा पूजा अनुष्ठान, सामग्री, शुभ मुहूर्त, मंत्र और प्रसाद के बारे में जानें।
भगवान विश्वकर्मा को ब्रह्मांड का प्रथम शिल्पकार, इंजीनियर और वास्तुकार माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, विश्वकर्मा ने ब्रह्मांड का पहला मानचित्र बनाया था। उन्होंने स्वर्ग, यमपुरी, कुबेर की अलकापुरी, द्वारका और स्वर्ण नगरी लंका का निर्माण किया था। भगवान विश्वकर्मा ने भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र, भगवान शिव के त्रिशूल और इंद्र के वज्र सहित अनेक दिव्य अस्त्रों का निर्माण किया था। उन्होंने अनेक मंदिर, महल और दिव्य रथ भी बनाए थे।
विश्वकर्मा की मूर्ति या फोटो, एक लाल या पीला कपड़ा, एक लकड़ी का स्टूल, धूप, एक दीपक, अखंडित चावल के दाने, चंदन का पेस्ट, पंचामृत (मीठा प्रसाद), मौसमी फल, मिठाई, नारियल, पान का पत्ता, सुपारी, इलायची, लौंग, हवन सामग्री, आम के पत्ते, एक कलम, एक स्याही का बर्तन, एक नया बहीखाता, आदि।
1. ॐ विश्वकर्मणे नमः
2. ॐ आधार शक्तपे नम:
3. ॐ श्री विश्वकर्माय नमः
4. ॐ कूमयै नम:
5. ॐ अनन्तम नमः
6. ॐ पृथिव्यै नम:
आज विश्वकर्मा पूजा के दिन परिघ योग सुबह से रात 10:55 तक है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त प्रातः 04:33 बजे से प्रातः 05:20 बजे तक है। ब्रह्म मुहूर्त में स्नान आदि कर लें। विश्वकर्मा पूजा पर लाभ-उन्नति मुहूर्त सुबह 6:07 बजे से 7:39 बजे तक, अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त सुबह 7:39 बजे से 9:11 बजे तक, शुभ-उत्तम मुहूर्त सुबह 10:43 बजे से दोपहर 12:15 बजे तक है।
आप इन तीनों शुभ मुहूर्तों में से किसी भी समय पूजा कर सकते हैं। राहुकाल दोपहर 12:15 बजे से दोपहर 1:47 बजे तक है और इस दौरान पूजा वर्जित है। शाम को लाभ और उन्नति के लिए शुभ मुहूर्त शाम 4:52 बजे से शाम 6:24 बजे तक है।
इस दिन विश्वकर्मा को पंचामृत, मिठाई, मौसमी फल, नारियल, पान, सुपारी, इलायची, सूखे मेवे, पूरी-सब्ज़ी, खीर, हलवा, लड्डू आदि अर्पित करें।
1. विश्वकर्मा पूजा से पहले प्रातः स्नान करें। इसके बाद अपनी दुकान, फैक्ट्री, वाहन आदि की सफाई करें।
2. शुभ मुहूर्त में एक चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाएं। उस पर विश्वकर्मा की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
3. इसके बाद चावल, धूप, दीप, चंदन, फूल, माला आदि अर्पित करके भगवान विश्वकर्मा की पूजा करें। उन्हें भोग लगाएं। इस दौरान भगवान विश्वकर्मा के मंत्र का जाप करें।
4. फिर अपनी दुकान में तिजोरी, औज़ार, मशीनें, कलम, दवात, बहीखाते, वाहन आदि की पूजा करें। तिलक लगाएं। पूजा के अंत में हवन करें।
5. अंत में भगवान विश्वकर्मा से प्रार्थना करें कि आपका कार्य बिना किसी बाधा और रुकावट के आगे बढ़े। आपका कार्य सफल हो।
6. आरती के साथ पूजा का समापन करें और फिर प्रसाद वितरित करें।
अन्य प्रमुख खबरें
Aaj Ka Rashifal 17 September 2025: इन राशियों को आज होगा आर्थिक लाभ, जानें कैसा रहेगा आपका दिन
Panchang 17 September 2025: बुधवार 17 सितंबर 2025 का पंचांग, जानें विशेष पर्व एवं राहुकाल
Aaj Ka Rashifal 16 September 2025: इन राशियों को आज होगा आर्थिक लाभ, जानें कैसा रहेगा आपका दिन
Panchang 16 September 2025: मंगलवार 16 सितंबर 2025 का पंचांग, जानें विशेष पर्व एवं राहुकाल
Aaj Ka Rashifal 15 September 2025: इन राशियों को आज होगा आर्थिक लाभ, जानें कैसा रहेगा आपका दिन
Panchang 15 September 2025: सोमवार 15 सितंबर 2025 का पंचांग, जानें विशेष पर्व एवं राहुकाल
Aaj Ka Rashifal 14 September 2025: इन राशियों को आज होगा आर्थिक लाभ, जानें कैसा रहेगा आपका दिन
Panchang 14 September 2025: रविवार 14 सितंबर 2025 का पंचांग, जानें विशेष पर्व एवं राहुकाल
Aaj Ka Rashifal 13 September 2025: इन राशियों को आज होगा आर्थिक लाभ, जानें कैसा रहेगा आपका दिन
Panchang 13 September 2025: शनिवार 13 सितंबर 2025 का पंचांग, जानें विशेष पर्व एवं राहुकाल
Aaj Ka Rashifal 12 September 2025: इन राशियों को आज होगा आर्थिक लाभ, जानें कैसा रहेगा आपका दिन
Panchang 12 September 2025: शुक्रवार 12 सितंबर 2025 का पंचांग, जानें विशेष पर्व एवं राहुकाल
Aaj Ka Rashifal 11 September 2025: इन राशियों को आज होगा आर्थिक लाभ, जानें कैसा रहेगा आपका दिन
Panchang 11 September 2025: गुरुवार 11 सितंबर 2025 का पंचांग, जानें विशेष पर्व एवं राहुकाल