लखनऊः भगवान भोलेनाथ को सबसे प्रिय सावन मास शुरू होने वाला है। हिंदू धर्म में भगवान शिव के पूजन का विशेष महत्व है। विश्व के नाथ को प्रसन्न करने के लिए भक्त का भाव और जल तथा बेलपत्र ही पर्याप्त होता है, लेकिन भक्तगण अपनी सामर्थ्य के अनुसार कई चीजें शिवलिंग पर चढ़ाते हैं। शिवलिंग पर जल, दूध, बेल पत्र, फल समेत अन्य पूजन सामग्री चढ़ाने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। अकसर अपने घर में आपने बड़ों को कहते सुना होगा कि शिवलिंग पर चढ़ाए गए प्रसाद को ग्रहण नहीं करना चाहिए। क्या आपको इसके पीछे की वजह पता है? यदि नहीं, तो हम आपको असली वजह बता रहे हैं....
सावन का महीना शुरू होने में कुछ ही दिन शेष हैं। 11 जुलाई से सावन का महीना शुरू होते ही शिव भक्त कांवड़ यात्रा लेकर निकल जाएंगे। इस पवित्र मास में भगवान शंकर को जल चढ़ाना अत्यंत फलदायी माना जाता है। सावन में सोमवार को व्रत रखने और भोलेनाथ की पूजा करने से साधक के सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं। इसलिए रोजाना अनगिनत संख्या में देश भर में लोग शिवलिंग की पूजा करते हैं और शिवलिंग पर भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए फूल, फल, गन्ना, भांग, धतुरा इत्यादि सामग्री चढ़ाते हैं। शिव पुराण में भगवान शिव की पूजा में चढ़ाई जाने वाली सामग्री से जुड़ा विवरण मिलता है।
शिव पुराण में उल्लेखित मंत्र ‘लिंगस्योपरि दत्तं यत्, नैवेद्यं भूतभावनम्। तद् भुक्त्वा चण्डिकेशस्य, गणस्य च भवेत् पदम्’ के माध्यम से स्पष्ट रूप से बताया गया है कि शिवलिंग पर अर्पित किया जाने वाला प्रसाद भूत-प्रेत के स्वामी चण्डेश्वर को जाता है। इसलिए उस सामग्री को ग्रहण करने से व्यक्ति चण्डेश्वर की स्थिति को प्राप्त हो जाता है, जिसका अर्थ है कि वह व्यक्ति भूत-प्रेत के प्रभाव में आ सकता है। उसकी मनोदशा पर नकारात्मक असर दिखने लगता है। इसलिए शिवलिंग पर चढ़ाया गया प्रसाद ग्रहण नहीं करना चाहिए। इसी प्रकार शिव पुराण में भी चण्डेश्वर की कथा का जिक्र है। पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान शिव के मुख से चण्डेश्वर नामक गण प्रकट हुए थे। उन्हें भूत-प्रेतों और गणों का प्रधान माना जाता है। इस कारण शिवलिंग पर चढ़ाया गया प्रसाद चण्डेश्वर का हिस्सा माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि शिवलिंग पर अर्पित भोग ग्रहण करना भूत-प्रेतों का भोजन खाने के समान है। ऐसा करने से व्यक्ति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और उसे दोष लग सकता है।
शिवलिंग पर चढ़ाया जाने वाला प्रसाद कुछ विशेष परिस्थितियों में ग्रहण करने की अनुमति दी गई है। शिव पुराण के अनुसार, यदि शिवलिंग धातु या पारद (पारा) से बना हुआ हो, तो उस पर चढ़ाया गए भोग को प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जा सकता है। इस तरह के प्रसाद से कोई दोष नहीं लगता है। इसके अलावा, भगवान शिव की मूर्ति पर चढ़ाए गए भोग को ग्रहण करना शुभ माना जाता है। ऐसा प्रसाद खाने से कई पापों का नाश होता है और भक्त को भोलेनाथ की कृपा प्राप्त होती है। वहीं दूसरी तरफ जिस शिवलिंग का निर्माण पत्थर, मिट्टी और चीनी मिट्टी से होता है, उन पर चढ़े प्रसाद को ग्रहण नहीं करना चाहिए। शिवलिंग का प्रसाद भक्तों को ग्रहण करने की जगह इसे जलाशयों में प्रवाहित करना या पशुओं को खिला देना ही उत्तम होता है।
अन्य प्रमुख खबरें
Aaj Ka Rashifal 3 July 2025: इन राशियों को आज होगा आर्थिक लाभ, जानें कैसा रहेगा आपका दिन
Panchang 3 July 2025: गुरुवार 3 जुलाई 2025 का पंचांग, जानें विशेष पर्व एवं राहुकाल
Bholenath ki Mahima: सावन में भोलेनाथ के 12 ज्योतिर्लिंगों का दर्शन करना अत्यंत फलदायी
Aaj Ka Rashifal 2 July 2025: इन राशियों को आज होगा आर्थिक लाभ, जानें कैसा रहेगा आपका दिन
Panchang 2 July 2025: बुधवार 2 जुलाई 2025 का पंचांग, जानें विशेष पर्व एवं राहुकाल
रक्षाबंधन 2025 : भाई-बहन के प्यार का त्योहार, जानें सही तारीख और शुभ मुहूर्त
Aaj Ka Rashifal 1 July 2025: इन राशियों को आज होगा आर्थिक लाभ, जानें कैसा रहेगा आपका दिन
Panchang 1 July 2025: मंगलवार 1 जुलाई 2025 का पंचांग, जानें विशेष पर्व एवं राहुकाल
Aaj Ka Rashifal 30 June 2025: इन राशियों को आज होगा आर्थिक लाभ, जानें कैसा रहेगा आपका दिन
Panchang 30 June 2025: सोमवार 30 जून 2025 का पंचांग, जानें विशेष पर्व एवं राहुकाल
Aaj Ka Rashifal 29 June 2025: इन राशियों को आज होगा आर्थिक लाभ, जानें कैसा रहेगा आपका दिन
Panchang 29 June 2025: रविवार 29 जून 2025 का पंचांग, जानें विशेष पर्व एवं राहुकाल
Surya Dev Pooja Vidhi: सुख-समृद्धि के लिए करें भगवान भाष्कर की पूजा
Aaj Ka Rashifal 28 June 2025: इन राशियों को आज होगा आर्थिक लाभ, जानें कैसा रहेगा आपका दिन
Panchang 28 June 2025: शनिवार 28 जून 2025 का पंचांग, जानें विशेष पर्व एवं राहुकाल