दुनिया का एक ऐसा मंदिर जहां रहते हैं हजारों चूहे, भक्तों को दिया जाता है जूठा प्रसाद !

खबर सार : -
Karni Mata Mandir: दुनिया में कई ऐसे रहस्यमयी मंदिर है जो अपनी खास वजह से भक्तों के बीच मशहूर है। करणी माता मंदिर उनमें से एक है। यह एक अनोखा तीर्थ स्थल है जो अपनी रहस्यमयी परंपराओं के लिए....

खबर विस्तार : -

Karni Mata Mandir: दुनिया में कई ऐसे रहस्यमयी मंदिर है जो अपनी खास वजह से भक्तों के बीच मशहूर है। करणी माता मंदिर उनमें से एक है। यह एक अनोखा तीर्थ स्थल है जो अपनी रहस्यमयी परंपराओं के लिए पूरी दुनिया में चर्चित है। इस मंदिर में देश-विदेश से बड़ी संख्या में भक्त दर्शन करने आते हैं। मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यहां आपको इंसानों से ज्यादा चूहे नजर आएंगे। इस मंदिर में हजारों चूहे हैं। इतना ही नहीं, यहां भक्तों को चूहों का जूठा प्रसाद दिया जाता है। आइए जानते हैं इस अद्भुत मंदिर के रहस्यों और परंपराओं के बारे में....

Karni Mata Mandir: करणी माता मंदिर का इतिहास

बता दें कि करणी माता मंदिर राजस्थान के बीकानेर के देशनोक शहर में स्थित। यह रहस्यमयी मंदिर लोगों के बीच काफी प्रसिद्ध है।  करणी माता, जो एक पूजनीय महिला संत थीं, जिन्हें मां दुर्गा का अवतार माना जाता है। वह अपनी दिव्य शक्तियों और चमत्कारी कार्यों के लिए प्रसिद्ध थीं। माना जाता है कि उन्होंने ही इस मंदिर की स्थापना की थी। स्थानीय लोगों का मानना ​​है कि करणी माता के वंशज मृत्यु के बाद चूहों के रूप में पुनर्जन्म लेते हैं और मंदिर में निवास करते हैं।

Karni Mata Temple: क्या हैं मंदिर की मान्यताएं

इस रहस्यमयी मंदिर में हजारों की संख्या में काले और भूरे चूहे पाए जाते हैं, जो मंदिर परिसर में खुलेआम घूमते रहते हैं। इन चूहों को 'काबा' कहा जाता है और इन्हें करणी माता की संतान माना जाता है। मंदिर में इन चूहों को किसी भी तरह का नुकसान पहुंचाना घोर पाप माना जाता है। भक्तों को यहां तक ​​सलाह दी जाती है कि वे अपने पैर घसीटते हुए चलें ताकि अनजाने में भी किसी चूहे को चोट न पहुंचे। मंदिर में कुछ सफेद चूहे भी दिखाई देते हैं, जिनके दर्शन बेहद शुभ माने जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि सफेद चूहे करणी माता और उनके बेटे का प्रतीक हैं।

देश-विदेश से दर्शन करने आते हैं भक्त

इस मंदिर में देश-विदेश से बड़ी संख्या भक्त दर्शन के लिए आते है। ऐसा माना जाता है कि अगर कोई चूहा किसी भक्त के पैरों के ऊपर से गुजर जाए तो इसे उस पर माता की कृपा का संकेत माना जाता है। लेकिन वहीं अगर कोई चूहा गलती से किसी व्यक्ति के पैरों के नीचे आ जाए तो इसे पाप माना जाता है। इन चूहों को खाना खिलाया जाता है, जिसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करना बहुत शुभ माना जाता है। चूहों द्वारा खाया जाने वाला प्रसाद भक्तों के लिए वरदान माना जाता है। 

20वीं सदी में हुआ था मंदिर का निर्माण

मान्यताओं के अनुसार, करणी माता मंदिर का निर्माण 20वीं शताब्दी में बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह ने करवाया था। मंदिर पूरी तरह से संगमरमर से बना है और इसके मुख्य द्वार चांदी से बने हैं। करणी माता की मूर्ति में वे एक हाथ में त्रिशूल पकड़े हुए हैं और उन्हें मुकुट और मालाओं से भी सजाया गया है। माता की मूर्ति पर सोने का छत्र भी लगा हुआ है। देवी की मूर्ति के साथ ही दोनों ओर उनकी बहनों की मूर्तियां भी हैं।

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