Satyapal Malik in ICU : सत्यपाल मलिक ने साझा किया भावुक संदेश, मैं रहूं या न रहूं, सच्चाई सामने आनी चाहिए

खबर सार :-
Satyapal Malik in ICU: गंभीर हालत में ICU में भर्ती पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने सरकार पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप, कहा- "मैं रहूं या न रहूं, सच्चाई सामने आनी चाहिए।"

Satyapal Malik in ICU : सत्यपाल मलिक ने साझा किया भावुक संदेश, मैं रहूं या न रहूं, सच्चाई सामने आनी चाहिए
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Satyapal Malik in ICU : 2200 करोड़ रुपये की लागत वाली किरू जलविद्युत परियोजना में कथित भ्रष्टाचार को लेकर सीबीआई ने पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक समेत 6 अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। इस परियोजना के सिविल वर्क्स के ठेकों में गड़बड़ी के आरोप हैं। इस बीच, अस्पताल में भर्ती सत्यपाल मलिक ने एक भावुक पोस्ट साझा करते हुए कहा, "हालत गंभीर है, मैं रहूं या न रहूं, लेकिन सच्चाई सबके सामने आनी चाहिए।"

Satyapal Malik in ICU : किडनी की गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं पूर्व राज्यपाल

पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक इन दिनों दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती हैं और किडनी की गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं। आईसीयू में इलाज करा रहे मलिक ने शनिवार को एक भावुक पोस्ट जारी कर देशवासियों से अपना हाल साझा किया। उन्होंने अपने लंबे सार्वजनिक जीवन के संघर्षों, ईमानदार छवि और अनुभवों को याद करते हुए सरकार पर कड़े आरोप लगाए।

सत्यपाल मलिक समेत छह अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार मामले में चार्जशीट दाखिल

दरअसल, सीबीआई ने पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक समेत छह अन्य व्यक्तियों के खिलाफ एक बड़े भ्रष्टाचार मामले में चार्जशीट दाखिल की है। यह मामला जम्मू-कश्मीर में 2200 करोड़ रुपये की लागत वाली किरू जलविद्युत परियोजना से संबंधित है।आरोप है कि इस प्रोजेक्ट के सिविल वर्क्स के ठेके देने की प्रक्रिया में गड़बड़ी की गई और कुछ चुनिंदा कंपनियों को जानबूझकर फायदा पहुंचाया गया। यह परियोजना जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए बेहद अहम मानी जाती है, इसलिए इन आरोपों ने खासा विवाद खड़ा कर दिया है।

Satyapal Malik in ICU: मैं चाहता हूं कि देश सच्चाई जान ले: सत्यपाल मलिक

अपने हालिया पोस्ट में सत्यपाल मलिक ने भावुक शब्दों में लिखा, “मैं पिछले करीब एक महीने से अस्पताल में भर्ती हूं और किडनी की गंभीर बीमारी से लड़ रहा हूं। परसों तक तबीयत कुछ संभली हुई थी, लेकिन आज फिर से हालत बिगड़ गई और मुझे दोबारा ICU में शिफ्ट करना पड़ा। मेरी हालत लगातार गंभीर होती जा रही है। ऐसे वक्त में, जब मुझे खुद नहीं पता कि मैं रहूंगा या नहीं… मैं चाहता हूं कि देश सच्चाई जान ले।”

150 करोड़ रुपये की रिश्वत देने की पेशकश की गई थी

पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने अपने ताजा बयान में एक बार फिर सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा कि राज्यपाल पद पर रहते हुए उन्हें 150-150 करोड़ रुपये की रिश्वत देने की पेशकश की गई थी। उन्होंने बताया कि यह पेशकश उन्होंने सख्ती से ठुकरा दी क्योंकि उनके राजनीतिक जीवन की नींव उनके गुरु, स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह के सिद्धांतों पर टिकी है।

Satyapal Malik in ICU: नैतिकता से कोई समझौता उन्होंने न कभी किया

मलिक ने दोहराया कि उन्होंने हमेशा ईमानदारी, पारदर्शिता और जनहित को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है—चाहे इसकी कीमत जो भी चुकानी पड़ी हो। उनका कहना है कि नैतिकता से कोई समझौता उन्होंने न कभी किया है, न कभी करेंगे। उन्होंने किसान आंदोलन के दौरान निभाई गई अपनी भूमिका को भी याद किया। मलिक ने कहा, “जब मैं गवर्नर था, तब किसान आंदोलन अपने चरम पर था। उस वक्त मैंने किसी राजनीतिक दबाव या लालच में आए बिना, पूरी निष्ठा से किसानों की मांगों को आवाज़ दी। सत्ता में रहते हुए भी मैंने किसानों के हक में बोलने से पीछे नहीं हटा।”

Satyapal Malik in ICU : पुलवामा हमले को लेकर भी केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाए

पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक बार फिर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया कि महिला पहलवानों के आंदोलन के दौरान वे पूरी तरह उनके साथ खड़े रहे—चाहे वह जंतर-मंतर हो या इंडिया गेट, हर मंच पर उन्होंने खिलाड़ियों की आवाज़ को बुलंद किया। मलिक ने कहा, “मैं सिर्फ बोल ही नहीं रहा था, मैं उनके संघर्ष का हिस्सा था।” उन्होंने पुलवामा हमले को लेकर भी केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाए। मलिक ने कहा कि उन्होंने हमले में शहीद हुए जवानों के लिए न्याय की मांग की थी, लेकिन आज तक सरकार ने उस मामले में कोई निष्पक्ष जांच नहीं करवाई।

Satyapal Malik in ICU: CBI का डर दिखाकर मुझे झूठे केसों में फंसाने की साजिश की जा रही

उनका आरोप है कि अब सरकार उन्हें चुप कराने की कोशिश कर रही है। “CBI का डर दिखाकर मुझे झूठे केसों में फंसाने की साजिश की जा रही है,” उन्होंने कहा। मलिक का कहना है कि वे न दबेंगे, न झुकेंगे—सत्य बोलते रहेंगे, चाहे इसकी कीमत कुछ भी हो।
सत्यपाल मलिक ने सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि जिस भ्रष्टाचार के मामले में उन्हें फंसाने की कोशिश की जा रही है, उस टेंडर को उन्होंने खुद रद्द किया था। उन्होंने दावा किया, “मैंने खुद प्रधानमंत्री को इस टेंडर में भ्रष्टाचार की जानकारी दी थी और जानकारी देने के बाद उसी टेंडर को मैंने निरस्त किया। बाद में, मेरे तबादले के बाद यह टेंडर किसी और के हस्ताक्षर से पास हुआ।”

मुझे न तो डराया जा सकता है और न ही झुकाया जा सकता है

मलिक ने सरकार और जांच एजेंसियों को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा, “मैं किसान परिवार से आता हूं। मुझे न तो डराया जा सकता है और न ही झुकाया जा सकता है। मैं हर कीमत पर सच बोलता रहूंगा, चाहे इसके लिए मुझे कितनी भी साजिशों का सामना क्यों न करना पड़े।” पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने अपने पोस्ट में अपनी आर्थिक स्थिति का जिक्र करते हुए भावुक अपील की। उन्होंने कहा कि 50 से अधिक वर्षों के सार्वजनिक जीवन में वे कई ऊंचे पदों पर रहे, देश की सेवा की, लेकिन आज भी एक छोटे से कमरे के मकान में रहते हैं और कर्ज के बोझ तले दबे हुए हैं।

Satyapal Malik in ICU : सरकार ने मुझे बदनाम करने की हरसंभव कोशिश की

मलिक ने लिखा, “सरकार ने मुझे बदनाम करने की हरसंभव कोशिश की। अब मेरी सिर्फ एक अपील है—सरकार और सरकारी एजेंसियां देश की जनता को जरूर बताएं कि तमाम जांच-पड़ताल के बाद आप मेरे पास से क्या हासिल कर पाए? सच तो ये है कि अगर मेरे पास धन-दौलत होती, तो मैं आज किसी प्राइवेट अस्पताल में इलाज करा रहा होता।” उन्होंने अपने जीवन की सादगी को ईमानदारी का प्रमाण बताते हुए कहा कि सत्ता में रहने के बावजूद उन्होंने कभी निजी लाभ नहीं लिया और हमेशा जनता के हित को प्राथमिकता दी।

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