Shardiya Navratri 2025 : नवरात्रि के तीसरे दिन होती है मां चंद्रघंटा की आराधना, इस मंत्र के जप से प्रसन्न होंगी देवी

खबर सार :-
Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्रि का पवित्र महीना देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा के लिए समर्पित है। माँ चंद्रघंटा के स्वरूप की बात करें तो उनका रंग स्वर्ण के समान चमकीला है। देवी के इस स्वरूप के मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र है, इसलिए उन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है।

Shardiya Navratri 2025 : नवरात्रि के तीसरे दिन होती है मां चंद्रघंटा की आराधना, इस मंत्र के जप से प्रसन्न होंगी देवी
खबर विस्तार : -

Shardiya Navratri 2025:  वासंतिक नवरात्र के तीसरे दिन मां दुर्गा के तृतीय स्वरूप माता चंद्रघंटा की पूजन का विधान है। मंगलवार को देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा हुई। अब बुधवार को माता चंद्रघंटा की आराधना होगी। मां दुर्गा का चंद्रघंटा रूप बेहद ही सुंदर, मोहक और अलौकिक है। चंद्र के समान सुंदर मां के इस रूप से दिव्य सुगंधियों और दिव्य ध्वनियों का आभास होता है। मां का यह स्वरूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है।

मां चंद्रघंटा का स्वरूप

माता चंद्रघंटा के मस्तक में घंटे के आकार का अर्धचंद्र है इसलिए इन्हें चंद्रघंटा देवी कहा जाता है। इनके शरीर का रंग सोने के समान चमकीला है। इनके दस हाथ हैं। इनके दसों हाथों में खड्ग आदि शस्त्र तथा बाण आदि अस्त्र विभूषित हैं। इनका वाहन सिंह है, जो वीरता और शक्ति का प्रतीक हैं। मान्यता है कि जब असुरों का अत्याचार काफी बढ़ा तो देवताओं ने उनके संहार के लिए मां की आराधना की। इसके बाद मां ने चंद्रघंटा के रूप में असुरों का संहार किया।

मां चंद्रघंटा का भोग एवं प्रिय रंग

मां चंद्रघंटा की पूजा के समय साधक को सफेद, भूरा या स्वर्ण रंग का वस्त्र धारण करना चाहिए। इसके साथ ही मां चंद्रघंटा को दूध से बने मिष्ठान अति प्रिय हैं। इसलिए इन दिन उन्हें दूध से बने मिष्ठान का भोग लगायें।

मां चंद्रघंटा की उपासना का मंत्र

या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

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